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Platz |
Verein |
Spiele |
Siege |
Remis |
Verl. |
Tore |
Punkte |
1. |
Singer TuSV Wittenberge 1926 (M) |
20 |
15 |
3 |
2 |
60:29 |
33:7 |
2. |
FC Saxonia 1907 Tangermünde |
20 |
14 |
1 |
5 |
68:35 |
29:11 |
3. |
SV Wustrow |
20 |
11 |
3 |
6 |
47:27 |
25:15 |
4. |
FV Fortuna Tangermünde |
20 |
11 |
2 |
7 |
39:23 |
24:16 |
5. |
FC Viktoria 1909 Stendal |
20 |
9 |
5 |
6 |
54:37 |
23:17 |
6. |
FC Hertha 1909 Wittenberge |
20 |
9 |
3 |
8 |
45:46 |
21:19 |
7. |
Stendaler BC |
20 |
8 |
3 |
9 |
38:35 |
19:21 |
8. |
FC 1909 Salzwedel |
20 |
6 |
5 |
9 |
45:51 |
17:23 |
9. |
VfL Gardelegen |
20 |
6 |
5 |
9 |
43:52 |
17:23 |
10. |
SC Minerva 1909 Wittenberge |
20 |
5 |
1 |
14 |
32:60 |
11:29 |
11. |
SV 1888 Wittenberge |
20 |
0 |
1 |
19 |
25:101 |
1:39 |
Keine weiteren Ergebnisse bekannt.
Absteiger: unbekannt
Aufsteiger: unbekannt
1933 wurden die 7 Landesverbände aufgelöst und durch einen
"Reichsführerring für Leibesübungen", welcher
am 30.1.1934 zum "Deutschen Reichsbund für Leibesübungen
umbenannt wurde, ersetzt. Dieser Verband verfügte über 15
Fachämter, so das der Deutsche Fussball Bund nur noch auf dem
Papier Bestand hatte. Auf regionaler Ebene wurden 16 Sportgaue geschaffen.
Daraus resultierte die Gauliga, die mindestens Zehn Vereine umfasste.
Teilnehmer zur Gauliga: kein Verein |
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